पटना : 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन 16 बिहार रेजीमेंट के शहीद जवानों को खास सम्मान दिया जाएगा. इंडो-चाइना बॉर्डर पर देश के लिए शहीद हुए सभी जवानों की बहादुरी के लिए सम्मानित किया जाएगा. गणतंत्र दिवस परेड में बिहार रेजीमेंट के शहीद जवानों को वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा.
जून में भारत-चीन बॉर्डर विवाद में हुई हिंसा में बहादुरी से लड़ते हुए 16 बिहार रेजीमेंट के जवान शहीद हो गए थे. गणतंत्र दिवस परेड में कर्नल बी. संतोष बाबू समेत अन्य भारतीय जवानों को मरणोपरांत गणतंत्र दिवस परेड में वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा.
शहादत को नमन
16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बाबू और 19 अन्य जवानों ने 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए शहीद हो गए थे. यह घटना पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सर्वाधिक गंभीर सैन्य संघर्षों में से एक थी. हालांकि चीन ने संघर्ष में हताहत हुए अपने जवानों की संख्या का खुलासा आज तक नहीं किया है. बस इतनी बात सामने निकलकर सामने आई है कि चीन के कई सैनिक मरे और घायल हुए हैं.
बिहार के 5 जवान हुए थे शहीद
- भोजपुर के जगदीशपुर के कौरा पंचायत निवासी चंदन कुमार गलवान घाटी हिंसा में शहीद हुए.
- वैशाली के महानार निवासी जय किशोर सिंह ने अपने प्राण देश के लिए गवां दिए.
- समस्तीपुर के सुल्तानपुर गांव निवासी अमन कुमार सिंह शहीद जवानों में से एक थे.
- सहरसा जिले के बिशनपुर पंचायत के आरण गांव के कुंदन कुमार ने भी देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी.
- पटना के बिहटा के सुनील कुमार ने देश के लिए चीनी सैनिकों से लड़ते-लड़ते शहीद हुए.
शहीदों को सम्मान
- भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पोस्ट 120 पर गलवान के बहादुरों' के लिए एक स्मारक बनवायी है.
- इसमें ‘स्नो लेपर्ड’ अभियान के तहत इन जवानों की वीरता का उल्लेख किया गया है.
- इसके अलावा सैन्य मामलों के विभाग ने दिल्ली में नेशनल वॉर म्यूजियम में कर्नल बाबू के साथ-साथ शहीद 19 अन्य जवानों के नाम अंकित करने वाला है.